महात्मा गांधी को 'महात्मा' बनाने वाला बिहार का चंपारण ही केवल बापू का कर्मक्षेत्र नहीं था. गांधी बिहार के भागलपुर भी आए थे और लोगों को स्वतंत्रता संग्राम के लिए एकजुट किया था. महात्मा गांधी साल 1934 में यहां आए और भूकंप पीड़ितों की ना केवल मदद की थी, बल्कि पीड़ितों के लिए राशि भी जमा की थी.
इस राशि के लिए उन्होंने अपने ऑटोग्राफ लेने वालों से पांच-पांच रुपये की राशि ली थी और फिर पीड़ितों की मदद के लिए उसे सौंप दिया था.